फ़र्स्ट सिडक्शन पहले अनुभव की कहानी
विक्रांत रॉयहे भगवान! मैने इसे अपना बॉयफ्रेंड क्यों बनाया?” नताशा ने मन ही मन सोचा और नोटपैड पर अपना जवाब लिख कर उसे गगन की तरफ सरका दिया।
“तुम मुझे परेशान क्यों कर रहे हो? कहा ना क्लास के बाद बात करते हैं. अभी मुझे लेक्चर सुनने दो."
कुछ देर गगन शांत बैठा रहा और उसे लगने लगा कि शायद अब वो उसे परेशान नहीं करेगा।
तभी अचानक नताशा को अपनी कोहनी के पास नोटपैड महसूस हुई उसने हताशा भरी साँस ली और गगन का मैसेज पढ़ा...
“आज जगह है मेरे पास. चलो मजे करते हैं."
ये पढ़ते ही नताशा का गला सूख गया और उसने गगन की तरफ देखा वो मदहोश नज़रों से उसके होंठों को देख रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कि वो मन ही मन उसे किस कर रहा हो।
उसने झट से अपनी नज़रें घुमा ली और लेक्चर मे ध्यान लगाने की कोशिश करने लगी पर अब वो एक अक्षर भी ठीक से नहीं सुन पा रही थी सुनती भी कैसे. उसके मन में तो नोटपैड में लिखे शब्द घूम रहे थे।
उसे पता था कि गगन उसके जवाब का इंतज़ार कर रहा है पर उसे समझ...